FACTS ABOUT वशीकरण मंत्र किसे चाहिए REVEALED

Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Revealed

Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Revealed

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इस साधना के जरिये हम शक्तिशाली मोहिनी वशीकरण का प्रभाव पैदा कर सकते है.

वशीकरण मंत्र के उपयोग से मानवीय संबंध वशीकरण मंत्र: चमत्कार या मिथ्या?

स्थान चुनें: वशीकरण मंत्र का उच्चारण करने के लिए शांतिपूर्वक और शुद्ध स्थान चुनें। एक ध्यान मंदिर या अपने पूजा स्थल का उपयोग कर सकते हैं।

विधि: शनिवार की रात्रि में इस मन्त्र का एक सौ एक जप करें। मन्त्रजप के समय घी का दीपक जलता रहे। गुग्गुल की धूनी दें तथा पुष्प और मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। फिर उस मिठाई को मन्त्र से अभिषिक्त करके जिसे भी खिला देंगे, वह वशीभूत होकर कहना मानने पर बाध्य हो जाएगा।

हां, यदि सही विधि और इरादे के साथ किया जाए तो यह प्रभावी हो सकता है।

इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

वशीकरण मंत्र का उपयोग व्यापार, प्रेम, और व्यक्तिगत मामलों में किया जाता है। हालांकि, इसका नैतिक मान्यता संबंधी मामलों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। व्यक्ति को उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करने का प्रयास करना नैतिकता के मामले में विवादास्पद हो सकता है।

प्रेम और विवाह: वशीकरण मंत्र प्रेम और विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान प्रदान करने में मदद कर सकता है। यदि आपका कोई प्यार करने वाला व्यक्ति आपके प्रति ध्यान नहीं देता है या आप अपने प्रेमी/प्रेमिका को पाना चाहते हैं, तो वशीकरण मंत्र आपकी मदद कर सकता है। यह आपको उन्हें अपने जीवन साथी के रूप में प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।

इस तिलक के प्रभाव से सामने वाला जब तक आपके सामने है तब तक वो आपके आकर्षण में रहता है.

सही मंत्र: उद्देश्य के अनुसार विशिष्ट मंत्रों का चयन किया जाता है।

वशीकरण एक प्राचीन भारतीय तंत्र विद्या है, जिसका उपयोग किसी व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार प्रभावित करने या नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. हालांकि, यह एक संवेदनशील और विवादास्पद विषय है और इसका उपयोग नैतिक और कानूनी दृष्टिकोण से गलत माना जाता है.

जिसे आप प्यार करते हैं उसे वापस कैसे जीतें?

इस लेख में, हम वशीकरण here मंत्र के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि इसका उपयोग कैसे किया जाता है और इसके पीछे की विज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण क्या है।

विधि: किसी भी सोमवार को, चार लौंग को पान के पत्ते में लपेटकर अपने मुँह में रखें। इसके बाद, किसी नदी या सरोवर में स्नान करते हुए डुबकी लगाएँ। डुबकी के दौरान, इस मंत्र का इक्कीस बार जाप करें। फिर पानी से बाहर निकलकर मुँह में रखी हुई लौंग को निकालें और उसे धूप दिखाएं। यह लौंग जिसे भी खिला दी जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।

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